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திருமுறைகள்
Thirumurai
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विण्णप्पक् कलिवॆण्पा
viṇṇappak kaliveṇpā
First Thirumurai
001. तिरुवटिप् पुकऴ्स्सि
tiruvaṭip pukaḻchsi
नूऱ्ऱिरुपत्तॆट्टु अटियाऩ् मिकुन्दु वन्द कऴिनॆटिलटि आसिरिय विरुत्तम्
तिरुस्सिऱ्ऱम्पलम्
1.
परसिवम्सिऩ्मयम् पूरणम् सिवपोक पाक्कियम् परमनितियम्
परसुकम् तऩ्मयम् सस्सिता ऩन्दमॆय्प् परमवे कान्दनिलयम्
परमञा ऩम्परम सत्तुवम कत्तुवम् परमकै वल्यनिमलम्
परमतत् तुवनिरति सयनिट्क ळम्पूत पौतिका तारनिपुणम्
2.
पवपन्द निक्रक विऩोतस कळम्सिऱ् परम्परा ऩन्दसॊरुपम्
परिसया तीतम्सु यम्सतो तयम्वरम् परमार्त्त मुक्तमौऩम्
पटऩवे तान्दान्द माकमान् तान्दनिरु पातिकम् परमसान्दम्
परनात तत्तुवान् तम्सकस तरिसऩम् पकिरङ्क मन्दरङ्कम्
3.
परवियो मम्परम जोतिमयम् विपुलम् परम्पर मऩन्दमसलम्
परमलो कातिक्क नित्तियसाम् पिरास्सियम् परपतम् परमसूक्ष्मम्
परापर मनामय निरातर मकोसरम् परमतन् तिरम्विसित्रम्
परामुत निराकरम् विकासऩम् विकोटणम् परसुको तयमक्षयम्
4.
परिपव विमोसऩम् कुणरकितम् विसुवम्प तित्तुव परोपरीणम्
पञ्सकिर्त् तियसुत्त कर्त्तत्तु वम्तऱ्प रम्सितम् परविलासम्
पकर्सुपा वम्पुऩित मतुलमतु लितमम्प राम्पर निरालम्पऩम्
परवुसा क्षात्कार निरवय वङ्कऱ्प ऩातीत निरुविकारम्
5.
परतुरिय वनुपवम् कुरुतुरिय पतमम् पकम्पका तीतविमलम्
परमकरु णाम्परम् तऱ्पतम् कऩसॊऱ् पतातीत मिऩ्पवटिवम्
परोक्षञा ऩातीतम् अपरोक्ष ञाऩाऩु पवविलासप् पिरकासम्
पावऩा तीतम्कु णातीतम् उपसान्द पतमका मौऩरूपम्
6.
परमपो तम्पोत रकितसकि तम्सम्प वातीत मप्पिरमेयम्
पकरऩन् ताऩन्दम् अमलमुसि तम्सिऱ्प तम्सता ऩन्दसारम्
परैयाति किरणाङ्क साङ्कसौ पाङ्कविम् पाकार निरुविकऱ्पम्
परसुका रम्पम्प रम्पिरम वित्तम्प राऩन्द पुरणपोकम्
7.
परिमिता तीतम्प रोतयम् परकितम् परपरीणम् परान्दम्
परमाऱ्पु तम्परम सेतऩम् पसुपास पावऩम् परममोक्षम्
परमाऩु कुणनवा तीतम्सि ताकास पास्करम् परमपोकम्
परिपाक वेतऩ वरोतया ऩन्दपत पालऩम् परमयोकम्
8.
परमसात् तियवती ताऩन्द पोक्कियम् परिकतम् परिवेत्तियम्
परकेव लात्विता ऩन्दाऩु पवसत्त पाताक्र सुत्तपलितम्
परमसुत् तात्विता ऩन्दवऩु पूतिकम् परिपूत सिऱ्कुणान्दम्
परमसित् तान्दनिक मान्दसम रससुत्त परमाऩु पवविलासम्
9.
तरमिकुम् सर्वसा तिट्टाऩ सत्तियम् सर्ववा ऩन्दपोकम्
सार्न्दसर् वातार सर्वमङ् कळसर्व सत्तितर मॆऩ्ऱळविलास्
सकुणनिर्क् कुणमुऱु सलक्षण विलक्षणत् तऩ्मैपल वाकनाटित्
तम्मैनिकर् मऱैयॆला मिऩ्ऩुमळ विटनिऩ्ऱ सङ्कर ऩनातियति
10.
सामकी तप्पिरियऩ् मणिकण्ट सीकण्ट ससिकण्ट सामकण्ट
सयसय वॆऩुन्दॊण्ट रितयमलर् मेविय सटामकुटऩ् मतऩतकऩऩ्
सन्दिरसे करऩिटप वाकऩऩ् कङ्का तरऩ्सूल पाणियिऱैवऩ्
तऩिमुत लुमापति पुरान्दकऩ् पसुपति सयम्पुमा तेवऩमलऩ्
11.
ताण्टवऩ् तलैमालै पूण्टवऩ् तॊऴुमऩ्पर् तङ्कळुक्करुळाण्टवऩ्
तऩ्ऩिकरिल् सित्तॆलाम् वल्लवऩ् वटतिसैस् सैलमॆऩु मॊरुविल्वऩ्
तक्षिणा मूर्त्तियरुण् मूर्त्तिपुण् णियमूर्त्ति तकुमट्ट मूर्त्तियाऩोऩ्
तलैमैपॆऱु कणनाय कऩ्कुऴक ऩऴकऩ्मॆय्स् सामिनन् तेवतेवऩ्
12.
सम्पुवे तण्टऩ् पिऱप्पिलाऩ् मुटिविलाऩ् ताणुमुक् कण्कळुटैयाऩ्
सतुरऩ् कटासल वुरिप्पोर्वै याऩ्सॆन् तऴऱ्करत् तेन्दिनिऩ्ऱोऩ्
सर्वका रणऩ्विऱऱ् कालका लऩ्सर्व सम्पिरमऩ् सर्वेस्सुरऩ्
तकैकॊळ्पर मेस्सुरऩ् सिवपिरा ऩॆम्पिराऩ् तम्पिराऩ् सॆम्पॊऱ्पतम्
13.
तकवुपॆऱु निट्पेत निट्कम्प माम्परा सत्तिवटि वाम्पॊऱ्पतम्
तक्कनिट् काटिऩ्य सम्वेत नाङ्कसिऱ् सत्तिवटि वाम्पॊऱ्पतम्
साऱ्ऱरिय विस्सैञा ऩङ्किरियै यॆऩ्ऩुमुस् सत्तिवटि वाम्पॊऱ्पतम्
तटैयिला निर्विटय सिऱ्कुण सिवानन्द सत्तिवटि वाम्पॊऱ्पतम्
14.
तकुविन्दै मोकिऩियै माऩैयसै विक्कुमॊरु सत्तिवटि वाम्पॊऱ्पतम्
ताऴ्विली साऩमुतऩ् मूर्त्तिवरै यैञ्सत्ति तञ्सत्ति याम्पॊऱ्पतम्
सविकऱ्प निरुविकऱ् पम्पॆऱु मऩन्दमा सत्तिसत् ताम्पॊऱ्पतम्
तटनिरुप वविवर्त्त सामर्त्तिय तिरुवरुट् सत्तियुरु वाम्पॊऱ्पतम्
15.
तवातसान् तप्पतन् तुवातसान् तप्पतन् तरुमिणै मलर्प्पूम्पतम्
सकलर्विञ् ञाऩकलर् पिरळया कलरितय साक्षिया कियपूम्पतम्
तणिविला अणुपक्ष सम्पुप क्षङ्कळिऱ् समरस मुऱुम्पूम्पतम्
तरुपरञ् सूक्कुमन् तूलमिवै निलविय तमक्कुळुयि राम्पूम्पतम्
16.
सरवसर वपरिमित विवितवाऩ् मप्पकुति ताङ्कुन् तिरुप्पूम्पतम्
तण्टपिण् टाण्टवकि लाण्टपिर माण्टन् तटिक्कवरु ळुम्पूम्पतम्
तत्वतात् विकसकसि रुट्टितिति सङ्कार सकलकर्त् तुरुपूम्पतम्
सकसमल विरुळकल निऩ्मलसु यम्प्रका सङ्कुलवु नऱ्पूम्पतम्
17.
मरपुऱु मतातीत वॆळिनटुवि लाऩन्द मानटऩ मिटुपूम्पतम्
मऩ्ऩुम्विऩै यॊप्पुमल परिपाकम् वाय्क्कमा मायैयै मितिक्कुम्पतम्
मलिपिऱवि मऱलियि ऩऴुन्दुमुयिर् तमैयरुळिऩ् मरुवुऱवॆटुक्कुम्पतम्
वळरूर्त्त वीरताण् टवमुतऱ् पञ्सक मकिऴ्न्दिट वियऱ्ऱुम्पतम्
18.
वल्लमुय लकऩ्मीति ऩूऩ्ऱिय तिरुप्पतम् वळन्दरत् तूक्कुम्पतम्
वल्विऩैयॆ लान्दविर्त् तऴियात सुत्तनिलै वाय्त्तिट वऴङ्कुम्पतम्
मऱैतुतिक् कुम्पतम् मऱैस्सिलम् पॊळिर्पतम् मऱैप्पातु कैस्सॆम्पतम्
मऱैमुटि मणिप्पतम् मऱैक्कुमॆट् टाप्पतम् मऱैप्परि युकैक्कुम्पतम्
19.
मऱैयव ऩुळङ्कॊण्ट पतममित कोटिया मऱैयवर् सिरञ्सूऴ्पतम्
मऱैयवऩ् सिरसिका मणियॆऩुम् पतम्मलर्कॊण् मऱैयवऩ् वाऴ्त्तुम्पतम्
मऱैयवऩ् सॆयवुलक माक्किऩ्ऱ वतिकार वाऴ्वैयीन् तरुळुम्पतम्
मऱैयवऩ् कऩविऩुङ् काणात पतमन्द मऱैयवऩ् परवुम्पतम्
20.
माल्विटै यिवर्न्दिटु मलर्प्पतन् तॆय्वनॆटु मालरुस् सिक्कुम्पतम्
माल्परवि नाटॊऱुम् वणङ्कुपत मिक्कतिरु माल्विऴियि लङ्कुम्पतम्
माल्तेट निऩ्ऱपत मोरऩन् तङ्कोटि माऱ्ऱलै यलङ्कऱ्पतम्
माऩ्मुटिप् पतनॆटिय मालुळप् पतमन्द मालुमऱि वरिताम्पतम्
21.
माल्कॊळव तारङ्कळ् पत्तिऩुम् वऴिपट्टु वाय्मैपॆऱ निऱ्कुम्पतम्
मालुलकु काक्किऩ्ऱ वण्मैपॆऱ् ऱटिमैयिऩ् वतिन्दिट वळिक्कुम्पतम्
वरैयुऱु मुरुत्तिरर्कळ् पुकऴ्पतम् पलकोटि वयवुरुत् तिरर्सूऴ्पतम्
वाय्न्दिटु मुरुत्तिरऱ् कियल्कॊण्मुत् तॊऴिल्सॆय्युम् वण्मैतन् तरुळुम्पतम्
22.
वाऩविन् तिरराति यॆण्टिसैक् कावलर्कण् मातवत् तिऱऩाम्पतम्
मतियिरवि यातिसुर रसुररन् तरर्वाऩ वासिकळ् वऴुत्तुम्पतम्
मणियुरकर् करुटर्कान् तरुवर्विञ् सैयर्सित्तर् मामुऩिव रेत्तुम्पतम्
मानिरुतर् पैसासर् किम्पुरुटर् यक्षर्कळ् मतित्तुवर मेऱ्कुम्पतम्
23.
मऩ्ऩुकिऩ् ऩरर्पूतर् वित्तिया तरर्पोकर् मऱ्ऱैयर्कळ् पऱ्ऱुम्पतम्
वण्मैपॆऱु नन्दिमुतल् सिवकणत् तलैवर्कण् मऩक्कोयिल्वाऴुम्पतम्
मातेवि यॆङ्कळ्मलै मङ्कैयॆऩ् ऩम्मैमॆऩ् मलर्क्कैयाल् वरुटुम्पतम्
मऱलियै युतैत्तरुळ् कऴऱ्पत मरक्कऩै मलैक्की ऴटर्क्कुम्पतम्
24.
वञ्समऱु नॆञ्सिऩिटै यॆञ्सलऱ विञ्सुतिऱऩ् मञ्सुऱ विळङ्कुम्पतम्
वन्दऩैसॆय् पुन्दियवर् तन्दुयर् तविर्न्दिटवुण् मन्दणन विऱ्ऱुम्पतम्
माऱिलॊरु माऱऩुळ मीऱिऩ्मकिऴ् वीऱियिट माऱिनट माटुम्पतम्
मऱक्करुणै युन्दऩि यऱक्करुणै युन्दन्दुवऴ्विक्कुमॊण्मैप्पतम्
25.
इरवुऱुम् पकलटिय रिरुमरुङ् किऩुमुऱुव रॆऩवयङ् कियसीर्प्पतम्
ऎम्पन्द मऱवॆमतु सम्पन्दवळ्ळऩ्मॊऴि यियऩ्मण मणक्कुम्पतम्
ईवरस रॆम्मुटैय नावरसर्सॊऱ्पतिक विसैपरि मळिक्कुम्पतम्
एवलार् पुकऴॆमतु नावलारूरर्पुक लिसैतिरुप् पाट्टुप्पतम्
26.
एतवूर् तङ्कात वातवूरॆङ्कोवि ऩिऩ्सॊऩ्मणि यणियुम्पतम्
ऎल्लूरु मणिमाट नल्लूरि ऩप्पर्मुटि यिटैवैकि यरुण्मॆऩ्पतम्
ऎटुमेलॆ ऩत्तॊण्टर् मुटिमेऩ् मऱुत्तिटवु मिटैवलिन् तेऱुम्पतम्
ऎऴिल्परवै यिसैयवा रूर्मऱुकि ऩरुळ्कॊण्टि रामुऴुतु मुलवुम्पतम्
27.
इऩ्तॊण्टर् पसियऱक् कस्सूरिऩ् मऩैतॊऱु मिरक्कनटै कॊळ्ळुम्पतम्
इळैप्पुऱ लऱिन्दऩ्पर् पॊतिसो ऱरुन्दमु ऩिरुन्दुपि ऩटक्कुम्पतम्
ऎऱिविऱकु विऱ्कवळर् कूटऱ् ऱॆरुत्तॊऱु मियङ्किय विरक्कप्पतम्
इऱुवैकै यङ्करैयिऩ् मण्पटप् पल्का लॆऴुन्दुविळै याटुम्पतम्
28.
ऎङ्केमॆय् यऩ्परुळ रङ्के नलन्दर वॆऴुन्दरुळुम् वण्मैप्पतम्
ऎव्वण्णम् वेण्टुकिऩु मव्वण्ण मऩ्ऱे यिरङ्कियीन् तरुळुम्पतम्
ऎऩ्पोऩ्ऱ वर्क्कुमिकु पॊऩ्पोऩ्ऱ करुणैतन् तितयत् तिरुक्कुम्पतम्
ऎऩ्ऩुयिरै यऩ्ऩपत मॆऩ्ऩुयिर्क् कुयिरा यिलङ्कुसॆम् पतुमप्पतम्
29.
ऎऩ्ऩऱिवॆ ऩुम्पतमॆ ऩऱिविऩुक् कऱिवा यिरुन्दसॆङ् कमलप्पतम्
ऎऩ्ऩऩ्पॆ ऩुम्पतमॆ ऩऩ्पिऱ्कु वित्ता यिसैन्दको कऩकप्पतम्
ऎऩ्तव मॆऩुम्पतमॆऩ् मॆय्त्तवप् पयऩा यियैन्दसॆञ् सलसप्पतम्
ऎऩ्ऩिरुकण् मणियाऩ पतमॆऩ्कण् मणिकळुक् किऩियनल् विरुन्दाम्पतम्
30.
ऎऩ्सॆल्व माम्पतमॆऩ् मॆय्स्सॆल्व वरुवायॆ ऩुन्दाम रैप्पॊऱ्पतम्
ऎऩ्पॆरिय वाऴ्वाऩ पतमॆऩ्क ळिप्पा मिरुम्पतमॆ ऩितियाम्पतम्
ऎऩ्तन्दै तायॆऩु मिणैप्पतमॆ ऩुऱवा मियऱ्पतमॆ ऩट्पाम्पतम्
ऎऩ्कुरुवॆ ऩुम्पतमॆ ऩिट्टतॆय् वप्पत मॆऩतुकुल तॆय्वप्पतम्
31.
ऎऩ्पॊऱिक ळुक्कॆला नल्विटय माम्पतमॆ ऩॆऴुमैयुम् विटाप्पॊऱ्पतम्
ऎऩ्कुऱैयॆ लान्दविर्त् ताट्कॊण्ट पतमॆऩक् कॆय्प्पिल्वैप्पाकुम्पतम्
ऎल्लार्क्कु नल्लपत मॆल्लाञ्सॆय् वल्लपत मिणैयिलात् तुणैयाम्पतम्
ऎऴुमऩमु टैन्दुटैन् तुरुकिनॆकिऴ् पत्तर्कट् किऩ्ऩमुत माकुम्पतम्
32.
ऎण्णुऱिऱ् पालिऩऱु नॆय्यॊटु सरुक्करै यिसैन्दॆऩ विऩिक्कुम्पतम्
एऱ्ऱमुक् कऩिपाकु कऩ्ऩल्कऱ् कण्टुते ऩॆऩ्ऩमतु रिक्कुम्पतम्
ऎङ्कळ्पत मॆङ्कळ्पत मॆऩ्ऱुसम यत्तेव रिसैवऴक् किटुनऱ्पतम्
ईऱिलाप् पतमॆलान् तरुतिरुप् पतमऴिवि लिऩ्पुतवु किऩ्ऱपतमे.
திருவடிப் புகழ்ச்சி // திருவடிப் புகழ்ச்சி
1959-1960-001-3-Thiruvadi Pugalchi.mp3
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